लेखिका बचपन में इतवार की सुबह क्या-क्या काम करती थीं?
बचपन में लेखिका रविवार की सुबह अपने मोजे धोने में व्यस्त रहती थी। मोजे नौकर या नौकरानी को धोने के लिए देने की सख्त मनाही थी। मोजे धोने के बाद जूते पर पॉलिश करके उसे कपड़े या फिर ब्रश से चमकाने का काम करती थी।